नागरिकता संशोधन कानून को लेकर उद्धव सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं. महाराष्ट्र में नागरिकता कानून को लागू किया जाए या ना लागू किया जाए, इसे लेकर उद्धव ठाकरे धर्मसंकट मे पड़ गए हैं.
मुंबई: नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) को लेकर उद्धव सरकार (Uddhav Govt) की मुश्किलें बढ़ गई हैं. महाराष्ट्र में नागरिकता कानून को लागू किया जाए या ना लागू किया जाए, इसे लेकर उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) धर्मसंकट मे पड़ गए हैं. कांग्रेस दबाव डाल रही है कि इस कानून पर शिवसेना उसके स्टैंड का समर्थन करे और पंजाब, केरल की तरह महाराष्ट्र में भी इसे लागू न होने दे. शिवसेना ने अभी तक अपना रुख साफ नहीं किया है.
अगर उद्धव ठाकरे कांग्रेस के दबाव में आते हैं तो पार्टी की हिंदुत्व विचारधारा की छवि को नुकसान होगा, अगर लागू नहीं करते हैं तो कांग्रेस उनके लिए मुसीबत खड़ी कर सकती है. आखिर उद्धव करें तो क्या करें? कांग्रेस के नेता साफ तौर पर कह रहे हैं कि वह इस कानून को महाराष्ट्र मे लागु नही होनें देंगे. कांग्रेस पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने जो भुमिका ली है, वही लाइन लेकर महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता उद्धव ठाकरे को इस एक्ट को लागू न करने का दबाव बना रहे हैं.
महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री बालासाहेब थोराट के मुताबिक, " कांग्रेस पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की इस कानून के विरोध में जो भूमिका है, वही हमारी भूमिका है. ये कानून सभी वर्गो को न्याय नहीं देगा."
किरीट सोमैया ने ट्वीट किया, "मैं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को यह ध्यान दिलाना चाहूंगा कि काफी समय से बीजेपी और शिवसेना मुंबई के शिवाजी नगर, गोवंडी, चांदिवली, मुंबई से सटे मीरा भायंदर, नवी मुंबई को बांग्लादेशी घुसपैठियो के खिलाफ लड़ थी, संसद ने अब नागरिकता बिल को पास किया है. अब घुसपैठियो के खिलाफ कार्रवाई की शुरुआत की जाए." महाराष्ट्र बीजेपी के प्रवक्ता माधव भंडारी के मुताबिक, "शिवसेना इस पर अपना स्टैंड क्लीयर करे. शिवसेना ने हमारे साथ घुसपैठियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी है."