छिन्दवाड़ा। सोयाबीन के बाद मध्यप्रदेश के छिन्दवाड़ा जिले ने मक्के के उत्पादन में प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त किया है। छिन्दवाड़ा को मक्का उत्पादन के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के प्रयास किये जायेंगे। मुख्यमंत्री कमल नाथ रविवार को छिन्दवाड़ा में दो दिवसीय कॉर्न फेस्टिवल छिन्दवाड़ा 2019 के शुभारंभ अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर सांसद नकुल नाथ, किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री सचिन यादव, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं जिले के प्रभारी मंत्री सुखदेव पांसे, जनजातीय कार्य विभाग मंत्री ओमकार सिंह मरकाम, छिन्दवाड़ा जिले के विधायक सर्वश्री कमलेश प्रताप शाह, सुजीत सिंह चौधरी, निलेश उईके, विजय चौरे, सोहन बाल्मिक और सुनील उईके, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विश्वनाथ ओक्टे, म.प्र.बार एसोसियेशन के पूर्व अध्यक्ष गंगा प्रसाद तिवारी, संभागायुक्त रवीन्द्र कुमार मिश्रा, डी.आई.जी. सुशांत सक्सेना, कलेक्टर डॉ.श्रीनिवास शर्मा, पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार राय, अतिरिक्त कलेक्टर राजेश शाही और एस.डी.एम अतुल सिंह, अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारीगण एवं मक्का उत्पादक किसान उपस्थित थे। मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि देश की संपूर्ण अर्थव्यवस्था कृषि पर ही निर्भर करती है । कृषि क्षेत्र की मजबूती हमारे देश और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करती है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र की मजबूती और किसानों की क्रय शक्ति को बढ़ाने की आवश्यकता है। जब किसानों के हाथों में क्रय शक्ति होती है, तभी व्यापार एवं उद्योग धंधे भी चलते हैं। मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि उनके प्रयास से वर्ष 1979 के बाद छिन्दवाड़ा जिले में सोयाबीन उत्पादन को बढ़ाने के लिये केंद्र सरकार के आयलशील्ड मिशन को लागू किया गया जिससे किसानों ने सोयाबीन क्रांति लाकर जिले को प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के सर्वश्रेष्ठ सोयाबीन उत्पादन वाले जिलों में स्थान दिलाया।
कालांतर में सोयाबीन में बीमारी आदि कारणों से उत्पादन कम होने पर घाटा होने और उचित मूल्य नहीं मिलने पर उन्होंने कृषकों को सोयाबीन के स्थान पर मक्का की फसल लेने के लिये प्रेरित किया। जिले के किसानों ने मक्का की खेती के विकल्प को स्वीकार किया। वर्तमान में मक्के के उत्पादन में छिन्दवाड़ा का नाम प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में अव्वल स्थान पर है। मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि छिन्दवाड़ा जिले में औद्योगिक क्रांति के साथ ही कृषि के क्षेत्र में मक्का उत्पादन में सर्वश्रेष्ठ स्थान रखने पर उनका वर्षों पुराना सपना साकार हुआ है।