नई दिल्ली। माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के के. के. रागेश ने राज्यसभा में प्याज की आसमान छूती कीमतों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि देश मे ठीक से भंडारण के अभाव में 32 हज़ार टन प्याज सड़ गया और लोग 120 रुपए प्रति किलोग्राम प्याज खरीदने को मजबूर है जबकि सरकार मूक दर्शक बनी है। रागेश ने शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि भारत दुनिया मे सबसे अधिक प्याज का निर्यात करता है लेकिन आज देश में प्याज की कीमतें आसमान छू रही हैं। प्याज की कीमतें 120 रुपये किलो से अधिक हो गई हैं और सरकार चुपचाप बैठी है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह समस्या हर साल नवम्बर-दिसम्बर में पैदा होती है। इस बार अक्टूबर में यह समस्या पैदा हुई और एक नवम्बर को मंत्री ने बयान दिया कि देश में प्याज का उत्पादन 30 प्रतिशत कम हुआ। मंत्री ने यह भी बताया कि 32 हज़ार टन प्याज गोदाम में सड़ गए। माकपा सदस्य ने कहा कि नवम्बर से दिसम्बर हो गये। सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। उसने हस्तक्षेप क्यों नही किया।
'आप सांसदों का संसद में प्रदर्शन
देशभर में खासकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्याज की बढ़ती कीमतों के विरोध में आम आदमी पार्टी के सांसदों ने मंगलवार को प्याज की माला पहनकर प्रदर्शन किया। आप के दो राज्यसभा सदस्यों ने बढ़ती कीमतों के लिए उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं जन आपूर्ति मंत्री को जिम्मेदार ठहराया।
ठहराते हुए उनके खिलाफ नारेबाजी की। संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन करते हुए आप नेताओं ने केंद्र से सवाल किया कि प्याज आखिर क्यों इतनी डरावनी होती जा रही है, और उपभोक्ताओं को इसके लिए ऊंची कीमतें चुकानी पड़ रही हैं। सिंह ने कहा, इसमें कोई घोटाला प्रतीत होता है। हम यह मुद्दा संसद के अंदर भी उठाएंगे।