सूरत कांड से नही लिया सबक, बडे हादसे का इंतजार
सीहोर/आष्टा/कमल पांचाल /छात्र-छात्राओं से मोटी रकम वसूल करने वाले कोचिंग संचालक बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे हैं। अधिकांश कोचिंग सेंटर दूसरी, तीसरी मंजिल पर संचलित हो रहे हैं, लेकिन न तो अग्निशमन यंत्र लगे हैं, न ही इमरजेंसी डोर हैं। कई सेंटरों पर सीढिय़ा इतनी संकरी हैं कि अगर कोई हादसा हो जाए तो दो लोग एक साथ उतर भी नहीं सकते हैं। पार्किंग की भी समुचित व्यवस्था नहीं है। कई कोचिंग संस्थानों पर तो सुरक्षा के तौर पर सीसीटीवी कैमरे तक भी नही लगे है ।वही कई कोचिंग संस्थानों में तो देर रात तक क्लास चल रही जिसके चलते छात्राओं को अंधेरे का सामना करते हुए घर जाना पड़ता है जिसके चलते किसी भी दिन कोई भी अप्रिय घटना घट सकती है ।
कई बड़ी खामियां, प्रशासन को बड़े हादसे का इंतजार
गुजरात के सूरत में कोचिंग संस्थान में आग लगने से 19 बच्चों की मौत होने के बाद हमारी टीम ने विगत दिनों शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में संचालित कई कोचिंग सेंटरों पर जाकर सुरक्षा की पड़ताल की तो कई तमाम खामियां नजर आईं।
इस दौरान शहर के 95 प्रतिशत कोचिंग सेंटर प्रशासन द्वारा तय किए 13 सुरक्षा बिंदु पर फेल नजर आए।
वही प्रशासन के ढीले रवैये के कारण कोचिंग संचालक बेफिक्र दिखे। कुछ दिनों पहले प्रशासन ने कोचिंग संस्थाओं का निरीक्षण किया था और जानकारी के अनुसार 8 कोचिंग संस्थानों को नोटिस भी जारी किए गए थे लेकिन नतीजा आज तक कुछ नही निकला।
वही देखने मे आया कि के कोचिंग संस्थानों पर सुरक्षा के कोई उपाए नहीं है।
फायर सिस्टम नहीं, रात में लग रही क्लास
आष्टा में खुली कुकुरमुत्तों की तरह कोचिंग संस्थाओं में न तो अग्निशमन यंत्र है नाही सुरक्षा की नजर और कोई इंतजाम वही छात्राओं के जीवन से खिलवाड़ की जा रही है नगर में देर रात कई कोचिंग संचालक क्लास चला रहे जिससे अंधेरे में छात्राओं को सुनसान रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है इस बीच इन सुनसान रास्तों से निकलती इन मासूम बच्चियों के साथ किसी भी घटना से इंकार नही किया जा सकता।
वही न ही इन कोचिंग संस्थानों के बाहर सुरक्षा गार्ड तैनात है।छात्रों के आने-जाने के लिए सीढिय़ां भी इतनी संकरी थीं कि दो बच्चे एक साथ निकलें तो फंस जाएं। कई कोचिंग सेंटर दुकानों की जगह पर संचालित किए जा रहे। वही नगर का एक कोचिंग सेंटर तो ऐसा है जो कभी भी धरासाई8हो सकता है जिसकी हालत जर्जर बनी हुई। इस कोचिंग सेंटर को देख कर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह से बच्चों के जान जोखिम में डालकर कोचिंग संस्थान चलाई जा रही है।
इनका कहना -
मैं स्वयं इन सबकी जांच करूंगा यह कुल कितने कोचिंग संस्थान संचालित हो रहे हैं ।इनमें सुरक्षा के क्या इंतजाम है। और कितने लीगल और अनलीगल कोचिंग क्लास हैं जांच करके ही बता पाऊंगा
ब्रजेश सक्सेना -एसडीएम आष्टा